मूलांक, भाग्यांक और नामांक
सकल विश्व के प्राणियों के कर्म एवम भाग्य ग्रहीय अंक १ से ९ के द्वारा प्रभावित
होते हैं/ग्रहों की अनुकुलता की जानकारी अच्छायियों के % में वृद्धि करती
है और प्रतिकूलता आने वाली की जानकारी आने वली सम्स्याओं को नियन्त्रित करने में मदद करती
है/तो,आईए ,अंक गणना के आधार पर जानिए और सवांरिये अपना भविष्य/
जानिए अपना मूलांक और भाग्यंक
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किसी भी माह की १,१०,१९,२८ दिनांक को जन्मे प्राणी का मूलांक होगा १
इसी प्रकार
दि, २,११,२०,२९ = २
दि. ३,१२,२१,३० =३
दि. ४.१३.२२,३१ =४
दि ५,१४,२३ =५
दि ६,१५,२४ =६
दि, ७,१६,२५ =७
दि ८,१७,२६ =८
दि.९,१८,२७ =९
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भाग्यांक जानने के लिए जोडिए जन्म तिथि+माह+वर्ष
उदाहरण के लिए
२.७.१९७९ = २+७+१+९+७+९ =३५=३+५=८
उक्त उदाहरण में मूलांक २ व भाग्यांक ८ है/
अत:व्यक्तिगत उप्ल्ब्धियों के लिए पढे अंक २ और भाग्य द्वारा क्या मिल रहा है,जानने के लिए पढे अंक ८
आपकी व्यक्तिगत उप्लाब्धियों को निर्धारित कर्ता है आपका मूलांक और भाग्य द्वारा प्रदत उप्लाब्धियाँ भाग्यांक द्वारा जानी जाती हैं
मूलांक और भाग्यांक के साथ साथ हमारा नामांक जीवन पथ की गति तय करता है/नाम के सभी स्पेल्लिंग्स का योग हमारा नामंक बनाता है/नामंक हमारी मूलभुत प्रवृति नहीं दर्शाता,बल्कि बताता है की हम जीवन पथ पर क्या प्राप्त करेंगे/जीवन पथ पर सफलता हेतु हमारा नामंक हमारे भाग्यांक के सामंजस्य मैं होना चाहिए/
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