मूलांक और भाग्यांक ले अलावा व्यक्ति का एक और अंक होता है जिसे सौभाग्य अंक अथवा नामांक कहते हैं. यह नम्बर परिवर्तनशील है. व्यक्ति के नाम के अक्षरो के कुल योग से बनने वाले अंक को सौभाग्य/नामंक अंक कहा जाता है, जैसे कि मान लो किसी व्यक्ति का नाम AMAN है, तो उसका सौभाग्य अंक , A=1, M=4, A=1, एंव N=5 = 1+4+1+5 =11 =1+1 =2 होगा. यदि किसी व्यक्ति का सौभाग्य अंक उसके अनुकूल नही है तो उसके नाम के अंको में घटा जोड करके सौभाग्य /नामांक अंक को परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे कि वह उस व्यक्ति के अनुकूल हो सके. सौभाग्य अंक का सीधा सम्बन्ध मूलांक से होता है. व्यक्ति के जीवन में सबसे अधिक प्रभाव मूलांक का होता है. चूंकि मूलांक स्थिर अंक होता है तो वह व्यक्ति के वास्तविक स्वभाव को दर्शाता है तथा मूलांक का तालमेल ही सौभाग्य अंक से बनाया जाता है.
व्यक्ति के जीवन में उतार-चढाव का कारण सौभाग्य/नामांक अंक होता है. उदाहरण के लिए मान लो कि हम किसी शहर में जाकर नौकरी/ व्यवसाय करना चाहते हैं, तो हमें उस शहर का शुभांक मालूम करना होगा फिर उस शुभांक को स्वंय के सौभाग्य अंक से तुलना करेंगे. यदि दोनो अंको में बेहतर ताल-मेल है अर्थात दोनो अंक आपस में मित्र वर्ग के है तो वह शहर आपके अनुकूल होगा, और यदि दोनो अंक एक दूसरे से शत्रुवत व्यवहार रखते हैं तो उस शहर में आपके कार्य की हानि होगी. अब हमारे सामने दो विकल्प हैं, एक तो हम उस शहर विशेष को ही त्याग दें तथा अन्य किसी शहर में चले जायें, यदि एसा करना सम्भव न हो तो दूसरे विकल्प के रुप में हम अपने नाम के अक्षरो में इस प्रकार परिवर्तन करें कि वो उस शहर विशेष से भली भांति तालमेल बैठा लें. यही सबसे सरल तरीका है.
इस प्रकार हम अंक ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन को सुखी एंव समृद्ध बना सकते है एंव प्रतिकूल स्थितियों से अपना बचाव के सकते हैं/
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